College Code - 53023
देश के अच्छे नागरिक बनने के लिए छात्रों के बीच मानसिक और नैतिक स्तर पर पूर्ण प्रतिबद्धता और समर्पण की भावना जगाने के लिए एक बेहतर कल के लिए हमारे आदर्श वाक्य के साथ समाज की सेवा करना|
Join Nowशैक्षणिक माहौल प्राप्त करने पर जोर देने के साथ राष्ट्रीय अखंडता को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक एकता, धार्मिक सहिष्णुता और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना।
Join Nowबेहतर राजस्व के लिए छात्रों को विश्वासहीन और दृढ़ संकल्प के साथ तैयार करना जीवन में नैतिक मूल्यों पर एक प्रोत्साहन के साथ नौकरी के अवसर।
Join Nowसमस्तीपुर से 15 km उत्तर वारिसनगर प्रखण्ड के 1/2 km पश्चिम ! समस्तीपुर वारिसनगर मुख्य पथ से सटे सरक से दक्षिण गोही ग्राम में अवस्थित है| जिसका विशाल भवन आकर्षित करता है| महाविद्यालय में छात्राओं के लिए कला एवं विज्ञान से कार्य के साजो सामान से सुज्जित है| महाविध्यालय में विशाल प्राचार्य कक्ष, कार्यालय, प्रयोगशाला, मैदान, खेल समग्री, एवं पुस्ताकालय भी महाविध्यालय को सुशोभित का रहा है| जिसे सजाने एवं सवारने में स्थानिय लोगो का पूर्ण सहयोग है| महाविध्यालय के भू-दान दाता के भू दाता ही नही इन्हे महा भू दाता भी कहे टो शायद कम नही रहेगा | इन्होने महाविद्यालय क्षेत्र से लेकर जिला तक 11 एकर भूमि से सुशोभित कर महाविध्यालय के गौरब में चार चाँद लगा दिए है| साथ ही साथ प्रत्यक्ष रूप से महाविद्यालय के भवन का निर्माण भी विरहत रूप में विरहत भूखंड में निर्माण कराकर महाविद्यालय को उच्चतम शिखर पर सुशोभित किया है|
शहरी शोर गुल और चकाचौंध तथा विभिन्न वाधाओ से अलग शुरमय और शांत देहाती शांत वातावरण में वारिसनगर प्रखंड सतीपुर जिला ही नहीं अखिल बिहार सूबे के प्रतिष्ठा प्राप्त विशिस्ट महीला महाविध्यालय में अश्चत श्चवश्चशस्ट रामा नन्दी पानावती मश्चहला महाश्चवद्यालय गोही अपने स्थापना – काल 1983 से ही अपनी गररमा की पररश्चध मेंस्थानीय िनमानस की ममतामयी स्नेश्चहल, अनुरागमयी, भावनाओं से ओत प्रोत होकर ग्रामीण नारी शशश्चक्तकरण के श्चलए उभरकर ग्रामीण समाि के िन िन घर घर की नारी की सविवश्चन्गन श्चवकाश के श्चशिा की ज्योश्चत िलने मेंअपने ध्येय को अश्चधकतम उचाई को छोने की ददशा मेंअग्रसर है ! श्चशिा की समाि की स्थापना को संकश्चलत श्चशरागेह मानव नारी को श्चमश्चित ज्ञान बधिन श्चवकश्चसत बनाने वाली वाग्यदेवी की अभ्यथिना मेंएक मात्र ध्येय रखता है दक उसमें अपने उिवल इश्चतहास की सुमंकालकी गुम्फन हो एवं हंसवाश्चहनी श्चवनापनी के चरणों ममेंउसे समर्पित कर प्राथी बने ! ये महाश्चवद्यालय नारी समाि के साथ – साथ हर प्राणी के ज्ञान – चिु को प्रकाश मयी करना चाहती है प्रभा मंश्चडत श्चवकाश की घटा अग्रतम पंश्चक्त में पहुचना चाहती है और एक सुगम, सरल, पश्चवत्र मश्चहश्चवद्यालय के रूप मेंसत् स्थाश्चपत हो ज्ञान की दीप िलाना चाहती है ! यही हमारा उद्देश्य है!